दस्तक!!
जरा आहिस्ता
धीरे धीरे देना
कोई मुद्दत से एक ही
ख्वाब की चद्दर ओढे
सो रहा है
आहट का आदी नहीं वो
अकेले खुद का साथी वो
हौले से फुसफुसाना
गर जाग जाए तो ठीक
वरना
चुपचाप लौट जाना
दबे पाँव... AlpS
जरा आहिस्ता
धीरे धीरे देना
कोई मुद्दत से एक ही
ख्वाब की चद्दर ओढे
सो रहा है
आहट का आदी नहीं वो
अकेले खुद का साथी वो
हौले से फुसफुसाना
गर जाग जाए तो ठीक
वरना
चुपचाप लौट जाना
दबे पाँव... AlpS
Nice One hkm
ReplyDeleteThanx hkm
Deleteबहुत सुन्दर रचना ....
ReplyDeleteशुक्रिया
Deleteशुक्रिया
Deleteशुक्रिया
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